आज के दौर में हर कोई अच्छा पैसा कमाना चाहता है। हर कोई को अच्छी सुख सुविधाएं मिले ऐसे में बहुत से लोग बहुत मेहनत करने में लगे रहते है। पर काफी लोग अच्छा काम करने के चक्कर में अपना स्वास्थ्य भूल जाते हैं। जितना ज़्यादा जरुरी है अच्छा पैसा कमाना उससे ज़्यादा जरुरी है अच्छी सेहत रखना। जब सेहत ही ख़राब रहेगी तो काम भी ढंग से नहीं होगा। बहुत से लोग अलग अलग तरह का इलाज करवाते हैं चाहते वो जड़ी बूटी हो या दवाइयाँ । आयुर्वेद हो या एलॉपथी ।
आयुर्वेद के बारे में हम सब जानते हैं कि हज़ारो साल से चलता आ रहा है और सबसे ज़्यादा कामयाब भी है। आप इसी बात से यह समझ सकते है इसकी कामयाबी कि आयुर्वेद का जन्म करीब 5000 सालों से भी पहले हुआ था। आयुर्वेद में आयु मतलब उम्र और वेद मतलब ज्ञान । आयुर्वेद में सबसे लोकप्रिय पुस्तक है “चरक संहिता” जो आचार्य चरक ने लिखी थी।
आईये जानते हैं आयुर्वेद से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें।
आयुर्वेद ये कहता है कि अगर कोई व्यक्ति बीमार हो तो उसे अच्छी मधुर संगीत सुनना चाहिए । उसे ऐसे जगह जाना चाहिए जो मुख्य रूप से हरी हो या सफ़ेद।
आयुर्वेद के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के बारे में यह जानना हो कि उसकी मौत करीब है या नहीं तो उसके शरीर के बाल तोड़कर पता लगाया जा सकता है। अगर तोड़ने पर कोई दर्द नहीं हुआ तो समझ जाइए उसकी मृत्यु करीब है।
अगर कोई बीमार व्यक्ति खुद को सपने में यह करते देखता है कि वो तैर कर नदी या तालाब पार कर रहा है या सूरज या आग या चाँद देखता है तो इसका मतलब वो जल्द ही ठीक होने वाला है।
उसी प्रकार अगर कोई बीमार व्यक्ति सपने में अपने ही थूक को या मल को डूबते देखता है तो उसकी मृत्यु निश्चित है।
आयुर्वेद में बहुत से तरीके है किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए । एक तरीका है जिसको कहते है ” अस्थविध रोगी परीक्षा” इसका मतलब आठ ऐसे तरीके जिससे रोग पता लगाया जा सकता है। वो आठ है नाड़ी, शब्द यानि आवाज़, मल , मूत्र, स्पर्श, जिव्वा यानि जीभ , द्रिक यानि नज़र और अंत में आकृति । आयुर्वेद में तीन चीज़ो का जिक्र बहुत बार होता है – वात, कफ और पित्त । यह तीनों एक ऊर्जा की तरह काम करते है।अगर इसमें से एक भी ऊपर नीचे हो तो व्यक्ति बीमार हो जाता है । वात यानि आग की ऊर्जा । हम जो भी खाते है उसको पचाने के लिए पेट में एक आग जलती है जिसको जठराग्नि बोलते है। अगर पित्त गड़बड़ हो गया तो व्यक्ति को छाला , पेट गड़बड़, जोड़ो का दर्द, बहुत गुस्सा , सूजन आदि होने का खतरा हो जाता है। कफ यानि पृथ्वी और जल। कफ का काम होता है शरीर का विकास और ऊर्जा को बढ़ाना। अगर कफ में कोई गड़बड़ी आई तो व्यक्ति को साइनस , डायबिटीज आदि की समस्या आ जाती है। वात यानि वायु और अंतरिक्ष। वात हमारे शरीर में शरीर की चाल ढाल , रक्त संचालन , साँस लेना आदि को सम्भालता है। इसके बिगड़ जाने से व्यक्ति को दस्त , चमड़ी सुखी पड़ जाना , घबराहट होना आदि जैसा लगने लगता है।
बहुत से लोगो को यह लगता है कि आयुर्वेद में side effects होते होंगे। पर असली बात तो यह है कि इसमें किसी भी प्रकार का कोई side effects नहीं होता बल्कि आयुर्वेद का सभी इलाज बेचुक होता है। बाकि प्रकार के इलाज में और आयुर्वेदिक इलाज में यह फर्क है कि आयुर्वेद जड़ से बीमारी को खत्म करता है। आयुर्वेद सिर्फ इलाज ही नहीं बल्कि अपने आप में एक जीवन शैली है।
आईये हम आज से तय करते है जितना हो सके उतना आयुर्वेद इलाज करवाये ।
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